बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर भड़के शंकराचार्य
बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर भड़के शंकराचार्य
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| धीरेंद्र शास्त्री और शंकराचार्य |
शंकराचार्य का धीरेंद्र शास्त्री पर पलटवार: "अगर मोक्ष इतना आसान है, तो उनका भी कर दें"
महाकुंभ में मची भगदड़ के दौरान हुई मौतों को लेकर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर अब शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कड़ा विरोध जताया है। धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों को मोक्ष की प्राप्ति हो गई है। उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि अगर यही सच है, तो वे खुद भी मोक्ष के लिए तैयार हो जाएं, हम धक्का मारकर उनका भी मोक्ष करा देंगे।
शंकराचार्य का तीखा जवाब
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पैरों तले कुचलकर, दम घुटकर जिन बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और अन्य लोगों की मौत हुई है, उसे "मोक्ष" कह देना बहुत आसान है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर किसी को सच में मोक्ष चाहिए, तो वे बताएं, हम उनके मोक्ष की व्यवस्था कर देंगे।
क्या कहा था धीरेंद्र शास्त्री ने?
मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे। सरकार ने आधिकारिक रूप से 30 मौतों की पुष्टि की है। इसी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि मृत्यु सबकी निश्चित है और गंगा के किनारे होने वाली मृत्यु मोक्ष दिलाती है। उन्होंने कहा कि जिनकी जान गई, उनकी वास्तव में मृत्यु नहीं हुई, बल्कि उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ है।
बयान पर क्यों मचा बवाल?
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई है। आलोचकों का कहना है कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की मौत को मोक्ष बताना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि पीड़ित परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला भी है। शंकराचार्य ने भी इसी बात को उठाते हुए कहा कि किसी की आकस्मिक और दुखद मृत्यु को मोक्ष बताकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
अब यह बयान धार्मिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।



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