अलीगढ़ के बादल बाबू ने माता-पिता से कहा- अब कभी भारत नहीं लौट पाऊंगा

 फेसबुक की दोस्ती के कारण पाकिस्तान पहुंचे अलीगढ़ के बादल बाबू ने माता-पिता से कहा- अब कभी भारत नहीं लौट पाऊंगा


अलीगढ़ के बरला क्षेत्र के गांव खिटकवारी के रहने वाले बादल बाबू का मामला इन दिनों चर्चा में है। फेसबुक पर हुई एक दोस्ती ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी। पाकिस्तान की 21 वर्षीय लड़की सना रानी से हुई उनकी फेसबुक दोस्ती उन्हें इतना प्रभावित कर गई कि वे सरहद पार करने से भी नहीं झिझके। बिना वीजा और दस्तावेजों के पाकिस्तान पहुंचने वाले बादल बाबू को 27 दिसंबर 2024 को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

कैसे पहुंचा पाकिस्तान:
बताया जा रहा है कि बादल बाबू और सना रानी की दोस्ती करीब ढाई साल पुरानी है। फेसबुक पर शुरू हुई यह दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल गई। सना से मिलने के लिए बादल बाबू ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा कदम उठाया और बिना किसी वैध दस्तावेज के पाकिस्तान की सीमा पार कर गए। वे लाहौर से करीब 240 किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन जिले के माउंग गांव पहुंचे, जहां सना रहती है।

गिरफ्तारी और जेल भेजा गया:
27 दिसंबर को जब पाकिस्तान पुलिस ने बादल बाबू को गिरफ्तार किया, तो उनसे वीजा और अन्य वैध दस्तावेज मांगे गए। लेकिन, दस्तावेज न होने के कारण उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

माता-पिता से वीडियो कॉल पर बातचीत:
शुक्रवार, 24 जनवरी 2025 को पेशी के दौरान बादल बाबू को पाकिस्तानी वकीलों के जरिए उनके माता-पिता से वीडियो कॉल पर बात कराई गई। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि अब वे भारत नहीं लौट पाएंगे। उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल करने की भी बात कही।

बातचीत में बादल बाबू ने अपने पिता कृपाल सिंह से कहा, "पापा, आप लोग मेरी चिंता न करें। सना की कुछ मजबूरियां थीं, जिसकी वजह से मुझे यहां आना पड़ा। अब मैं सना के बिना नहीं रह सकता। मैंने इस्लाम कबूल कर लिया है। शायद अब कभी भारत लौटने का मौका न मिले।"

पिता ने हाथ जोड़ते हुए उनसे सच बोलने की गुजारिश की, लेकिन बादल ने कहा, "मैंने अपनी जिंदगी में कभी झूठ नहीं बोला और अब भी सच कह रहा हूं। आप लोगों की बहुत याद आती है, लेकिन अब लौट पाना मुमकिन नहीं लगता।"

सना ने किया शादी से इंकार:
जहां बादल बाबू सना से शादी करने की बात कर रहे हैं, वहीं सना रानी ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उन्हें बादल से शादी में कोई रुचि नहीं है। यह बात उनके परिवार के लिए और भी चौंकाने वाली है।

परिवार की प्रतिक्रिया और उम्मीद:
बादल के पिता कृपाल सिंह ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से बेटे की रिहाई के लिए गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि बादल दिल्ली के गांधी नगर में सिलाई का काम करता था और दीपावली से कुछ समय पहले अचानक गायब हो गया। दीपावली से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को आखिरी बार घर वीडियो कॉल किया और बताया कि वह अपनी मंजिल पर पहुंच गया है। इसके बाद उन्होंने अपनी लोकेशन नहीं बताई।

परिवार ने पाकिस्तान में अधिवक्ता नियुक्त कर बादल के सभी दस्तावेज ईमेल के माध्यम से भेजे हैं। परिवार को उम्मीद है कि एक दिन बादल जरूर वापस लौटेगा।

प्यार और सोशल मीडिया का प्रभाव:
यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और इसके खतरों को उजागर करता है। फेसबुक जैसी प्लेटफॉर्म पर बनी दोस्ती कभी-कभी गंभीर परिणाम ला सकती है। बादल बाबू का यह कदम उनकी और उनके परिवार की जिंदगी पर गहरा असर डाल चुका है।

कानूनी प्रक्रिया और अनिश्चित भविष्य:
पाकिस्तान की अदालत में बादल बाबू की पेशी जारी है। अगली तारीख की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। परिजनों को अभी भी उम्मीद है कि वे कानूनी सहायता के जरिए बादल को वापस लाने में सफल होंगे।

समाज और युवाओं के लिए सबक:
यह घटना युवाओं के लिए एक सीख है कि सोशल मीडिया पर की गई दोस्ती और भावनात्मक फैसले बिना सोचे-समझे न लिए जाएं। इससे न केवल खुद की जिंदगी प्रभावित होती है, बल्कि परिवार भी मुश्किल में पड़ सकता है।

बादल बाबू का मामला इस बात को साबित करता है कि भावनाओं में बहकर किए गए फैसले कितना बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब यह देखना बाकी है कि कानूनी प्रक्रिया के बाद उनकी जिंदगी क्या मोड़ लेती है।

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