महाकुंभ 2025: सनातन बोर्ड पर संतों और वीएचपी की खींचतान, मथुरा-काशी पर नई रणनीति
महाकुंभ 2025: सनातन बोर्ड पर संत और वीएचपी के बीच मंथन, मथुरा-काशी को लेकर बनेगी नई रणनीति
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के दौरान विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और संत समुदाय के बीच शुक्रवार से एक महत्वपूर्ण संत सम्मेलन शुरू हो रहा है। सम्मेलन में सनातन धर्म से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। मुख्य चर्चा का विषय "सनातन बोर्ड" का गठन और वक्फ बोर्ड का स्थाई रूप से खात्मा है। यह सम्मेलन मथुरा और काशी से जुड़े धार्मिक आंदोलन को नई दिशा देने और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर व्यापक जनजागरण अभियान शुरू करने की तैयारी करेगा।
महाकुंभ 2025: वक्फ बोर्ड समाप्त करने की संतों की पुरजोर मांग
सनातन बोर्ड पर संत और वीएचपी की राय
संत समुदाय लंबे समय से वक्फ बोर्ड को समाप्त कर "सनातन बोर्ड" के गठन की मांग कर रहा है। गुरुवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मांग दोहराई गई। संतों का मानना है कि सनातन बोर्ड का गठन हिंदू धर्म और मंदिरों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा। वहीं, संघ और विश्व हिंदू परिषद इस विचार से पूरी तरह सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि मंदिरों को सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त करना चाहिए, लेकिन इसे किसी नए बोर्ड की बजाय मंदिर ट्रस्टों के माध्यम से किया जाना चाहिए।
अहम एजेंडा: मथुरा और काशी
इस बार संत सम्मेलन में मथुरा और काशी को लेकर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसके बाद अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को मुस्लिम कब्जे से मुक्त कराने की मांग जोर पकड़ रही है। संतों का कहना है कि यह हिंदू धर्म के प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता। सम्मेलन में इन दोनों स्थलों को लेकर आंदोलन शुरू करने की रणनीति बनाई जाएगी।
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वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग
संत सम्मेलन में वक्फ बोर्ड को स्थायी रूप से समाप्त करने की मांग प्रमुख एजेंडे में है। संतों का कहना है कि वक्फ बोर्ड का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है और यह धार्मिक स्थलों पर अनुचित नियंत्रण कर रहा है। इसे खत्म कर सनातन धर्म के लिए स्वतंत्र बोर्ड बनाया जाना चाहिए। संतों के अनुसार, वक्फ बोर्ड की जगह एक ऐसा ढांचा बनाना चाहिए जो हिंदू धार्मिक स्थलों की स्वायत्तता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करे।
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को हटाने की मांग
सम्मेलन में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को समाप्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया जा सकता है। यह कानून धार्मिक स्थलों की स्थिति को 15 अगस्त 1947 के आधार पर स्थिर रखने का आदेश देता है। संतों का कहना है कि यह कानून हिंदू धार्मिक स्थलों की स्वतंत्रता को बाधित करता है और इसे समाप्त करना आवश्यक है।
धर्मांतरण और जनजागरण अभियान
संत सम्मेलन में धर्मांतरण के खिलाफ बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाने की रणनीति बनाई जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में धर्मांतरण के मामलों में वृद्धि हुई है, जिसे रोकने के लिए संत समुदाय ने सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। सम्मेलन में धर्मांतरण के कारणों और समाधान पर गहन चर्चा की जाएगी।
वीएचपी का दृष्टिकोण
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना जरूरी है, लेकिन यह काम किसी बोर्ड के माध्यम से नहीं बल्कि उनके ट्रस्टों द्वारा किया जाना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि सनातन धर्म से जुड़े मुद्दों पर संतों और धर्माचार्यों की एकजुटता बेहद जरूरी है। वीएचपी के मार्गदर्शक मंडल की बैठक में इन सभी विषयों पर संतों से चर्चा की जाएगी और उन्हें सम्मेलन के एजेंडे में शामिल किया जाएगा।
महाकुंभ: राष्ट्रीय मुद्दों का मंच
महाकुंभ में आयोजित यह संत सम्मेलन केवल धार्मिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों का भी मंच बनता जा रहा है। सम्मेलन में ज्ञानवापी और मथुरा के मुद्दों के अलावा मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण को समाप्त करने, हिंदू धार्मिक स्थलों की स्वायत्तता सुनिश्चित करने और धर्मांतरण रोकने जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।
अयोध्या के बाद मथुरा-काशी पर फोकस
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा और काशी पर फोकस बढ़ रहा है। संत समुदाय का कहना है कि इन दोनों धार्मिक स्थलों को स्वतंत्र कराना हिंदू समाज की प्राथमिकता है। संत सम्मेलन में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और भविष्य की रणनीति तय की जाएगी।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का यह संत सम्मेलन हिंदू धर्म, संस्कृति और समाज के लिए एक ऐतिहासिक पहल हो सकता है। सम्मेलन में उठाए गए मुद्दे न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि सम्मेलन में संत और वीएचपी के बीच किस तरह की सहमति बनती है और यह सम्मेलन सनातन धर्म के भविष्य को किस दिशा में ले जाता है।




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