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जाट ने तोड़ी ‘गदर’ की दीवार, बॉक्स ऑफिस पर मचाया इतिहास

जाट ने तोड़ी ‘गदर’ की दीवार, बॉक्स ऑफिस पर मचाया इतिहास बॉलीवुड इंडस्ट्री में जब भी किसी दमदार एक्शन फिल्म की बात होती है, तो सनी देओल की 'गदर: एक प्रेम कथा' का नाम सबसे पहले आता है। यह फिल्म अपने वक्त की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर में से एक थी। लेकिन अब साल 2025 में निर्देशक गोपिचंद मलिनेनी की नई फिल्म ‘जाट’ ने वह कारनामा कर दिखाया है जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो। यह फिल्म सिर्फ एक्शन और एंटरटेनमेंट तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने बॉक्स ऑफिस पर पुराने सभी रिकॉर्ड्स को तोड़कर एक नया इतिहास रच दिया है। फिल्म 'जाट' की रिलीज के बाद से ही यह चर्चा का विषय बनी हुई है। इसकी कहानी, संवाद, एक्शन सीक्वेंस और दमदार परफॉर्मेंस ने दर्शकों को बांधे रखा है। खासकर जिस तरह से इस फिल्म ने सनी देओल की आइकॉनिक फिल्म 'गदर' का रिकॉर्ड तोड़ा है, वह अपने आप में एक ऐतिहासिक मोड़ है। गदर का रिकॉर्ड टूटा 'गदर' को हिंदी सिनेमा की सबसे क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है। यह फिल्म देशभक्ति, प्यार और बलिदान की अनूठी मिसाल थी। इसके संवाद और एक्शन सीन्स आज भी लोगों के दिलों में बसे हु...

"SRH vs RR Pitch Report: हैदराबाद की पिच पर बल्लेबाजों का राज या गेंदबाजों का जलवा?"

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  SRH vs RR Pitch Report: हैदराबाद की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग या गेंदबाजों के लिए मददगार? राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, हैदराबाद पिच रिपोर्ट इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का दूसरा मुकाबला आज, 23 मार्च को सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, हैदराबाद में खेला जाएगा। ऐसे में क्रिकेट फैंस और फैंटेसी लीग प्लेयर्स के लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि इस पिच का मिजाज कैसा रहेगा—क्या यहां रनों की बरसात होगी या फिर गेंदबाजों का दबदबा रहेगा? आइए, पिच रिपोर्ट और मौसम का हाल जानते हैं। हैदराबाद की पिच का मिजाज: बल्लेबाजों की जन्नत या गेंदबाजों का हथियार? राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच आमतौर पर संतुलित मानी जाती है, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता है, यह स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार हो सकती है। बल्लेबाजों के लिए: इस मैदान पर शुरुआत में बल्लेबाजों को अच्छी बाउंस और पेस मिलने की संभावना है, जिससे शॉट खेलना आसान हो सकता है। अगर ओस पड़ती है, तो दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना और भी आसान हो सकता है। पिछले कुछ मुक...

बाबा बागेश्वर ने प्रवचन में कुत्ते और मधुमक्खी का उदाहरण क्यों दिया?

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बाबा बागेश्वर ने प्रवचन में कुत्ते और मधुमक्खी का उदाहरण क्यों दिया? बाबा बागेस्वर 'एकता में शक्ति' का संदेश गोपालगंज (बिहार): बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों बिहार में अपनी हनुमंत कथा के माध्यम से लोगों को एकता का संदेश दे रहे हैं। अपने प्रवचन में उन्होंने हिंदू समाज को संगठित रहने की सलाह दी और इसे राष्ट्र की मजबूती के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू एकजुट रहते हैं, तो उन्हें कोई तोड़ नहीं सकता, लेकिन अलग-अलग रहने पर वे कमजोर हो जाएंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने इसे स्पष्ट करने के लिए एक उदाहरण दिया—अगर किसी कुत्ते पर पत्थर फेंका जाए, तो वह भाग जाएगा, लेकिन वही पत्थर यदि मधुमक्खियों के छत्ते पर फेंका जाए, तो हमला करने वालों को खुद बचकर भागना पड़ेगा। उन्होंने इस उपमा के माध्यम से यह समझाया कि संगठित रहना कितना आवश्यक है। बिहार से जुड़ाव और धमकियों पर जवाब राजद विधायक चंद्रशेखर द्वारा जेल भेजे जाने की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं लगता। उन्होंने कहा, "हम भारत के हैं, बिहार के हैं और ...
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  "Virat Kohli Net Worth 2025: कुल संपत्ति, कमाई के स्रोत और लग्जरी लाइफस्टाइल" विराट कोहली की नेट कमाई Virat Kohli Net Worth: क्रिकेट के सुपरस्टार की कुल संपत्ति और कमाई के स्रोत भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और दुनिया के सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक, विराट कोहली न केवल मैदान पर बल्कि वित्तीय दुनिया में भी बड़ी पहचान रखते हैं। क्रिकेट के साथ-साथ ब्रांड एंडोर्समेंट और बिजनेस इन्वेस्टमेंट के जरिए भी वह करोड़ों की कमाई करते हैं। आइए जानते हैं उनकी कुल संपत्ति, कमाई के प्रमुख स्रोत और उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल के बारे में। क्रिकेट से विराट कोहली की कमाई विराट कोहली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की A+ कैटेगरी के कॉन्ट्रैक्ट में हैं, जिससे उन्हें हर साल ₹7 करोड़ मिलते हैं। इसके अलावा, वे अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर अलग से फीस प्राप्त करते हैं: टेस्ट मैच – ₹15 लाख प्रति मैच वनडे मैच – ₹6 लाख प्रति मैच टी-20 मैच – ₹3 लाख प्रति मैच इसके अलावा, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के साथ जुड़े हुए हैं और एक सीजन के लिए लगभग ₹15 करोड़ की फीस प्रा...

महाकुंभ 2025: पाकिस्तान से आए 68 श्रद्धालु, बोले- "सनातन धर्म में जन्म लेना गौरव की बात

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  महाकुंभ 2025: पाकिस्तान से आए 68 श्रद्धालु, बोले- "सनातन धर्म में जन्म लेना गौरव की बात" Image source PTI  महाकुंभ पाकिस्तानी हिंदू प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए 68 हिंदू श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया और अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन किया। श्रद्धालुओं ने कहा कि भारत आकर और महाकुंभ में शामिल होकर उन्हें अपने सनातन धर्म पर गर्व महसूस हो रहा है। पाकिस्तान से प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालु पाकिस्तान से आए इन श्रद्धालुओं का जत्था इससे पहले हरिद्वार पहुंचा था, जहां उन्होंने करीब 480 पूर्वजों की अस्थियों का गंगा में विसर्जन किया। इसके बाद वे प्रयागराज पहुंचे और संगम में डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। "महाकुंभ में आना सपना था" सिंध से आए गोबिंद राम माखीजा ने बताया कि जब से उन्होंने महाकुंभ के बारे में सुना था, तभी से यहां आने की तीव्र इच्छा थी। उन्होंने कहा, "यहां आकर जो अनुभूति हो रही है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।" इस जत्थे में गोटकी, सक्कर, खैरपु...

"योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड दौरा: पारिवारिक समारोह, जनसंपर्क और सांस्कृतिक जुड़ाव"

  "योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड दौरा: पारिवारिक समारोह, जनसंपर्क और सांस्कृतिक जुड़ाव" योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड दौरा: पारिवारिक समारोह और जनसंपर्क का अनूठा मेल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 7 फरवरी को अपनी भतीजी की शादी के अवसर पर उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। यह यात्रा उनके लिए न केवल एक पारिवारिक अवसर है, बल्कि उनके पैतृक गांव और आसपास के क्षेत्रों में जनता से संपर्क का भी एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। परिवार से जुड़ाव और पारिवारिक समारोह योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित पंचूर गांव में हुआ था। हालांकि वे वर्षों से राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन पारिवारिक आयोजनों में उनकी उपस्थिति विशेष मानी जाती है। इस बार, उनकी भतीजी की शादी के लिए वे अपने गांव पहुंचेंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे। यह शादी उनके परिवार और स्थानीय लोगों के लिए एक खास अवसर होगी, क्योंकि इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ कई बार अपने गांव आ चुके हैं, लेकिन पारिवारिक आयोजनों में उनकी उपस्थिति कम ही देखने को मिली है। इस बार का दौरा उ...
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  छत्तीसगढ़ की जेलों में किताबों का विवाद: राजनीति या सुधार की पहल? छत्तीसगढ़ की जेलों में कुछ खास किताबों के वितरण को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना करते हुए इसे एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश करार दिया है, जबकि प्रशासन इसे सुधार की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास बता रहा है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है, और इससे राज्य की नीतियों पर नए सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की शुरुआत हाल ही में राज्य की जेलों में कैदियों के लिए कुछ विशेष किताबें उपलब्ध कराई गईं। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कैदियों को नैतिक शिक्षा देने और उनके पुनर्वास में मदद करने के लिए उठाया गया है। इन किताबों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और नैतिक मूल्यों पर आधारित सामग्री शामिल है, जिसका उद्देश्य कैदियों को एक नई सोच की ओर प्रेरित करना है। हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों ने इस पहल पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी संस्थानों में किसी एक विचारधारा की किताबें उपलब्ध कराना उचित नहीं है और इससे राज्य की धर्मनिरपेक्ष छवि प्रभावित हो सकती है। राजनीतिक प्...